अकेला में मुट्ठी मारता हु क्यों कि कोई साथी नहीं हे ।

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Akela men mutthi marta hu kyon ki koee sathi nahin he .

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मेरा एक सपना था किसी भाभी को मेरा लंद से संत करने के लिए पर कोई भाभी नहीं मिलता हे और मेरे तन की आग भी नहीं बुझती हे इसीलिए अकेला अकेला मुट्ठी मारके जिंदगी गुजारा कर रहा हु । मुट्ठी मारना जरूर चाहिए

द्वारा प्रकाशित desicrowd
4 महीने पूर्व
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